जुरहरा। गांव जुरहरी में कोरोना पॉजिटिव के मरीजों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखने को लेकर प्रशासन व परिजनों के बीच छिटपुट विवाद की बात सामने आई है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी इस बात से इंकार करते रहे। हुआ यूं कि उसके परिवार के पांच सदस्य है इनमें पत्नी व तीन बच्चे व मां है। इन्हें जांच के लिए कामां या भरतपुर ले जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन कुछ ग्रामीणों ने गांव से बाहर ले जाने को लेकर विरोध कर दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने काफी देर उन्हें समझाया, लेकिन वह कामां उपखंड मुख्यालय पर स्थापित क्वारेंटाइन सेंटर में भेजने पर भी राजी नहीं हुए। ऐसे में गांव के स्कूल को ही क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया। उन्हें उसी सेंटर पर रखा गया है। जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि परिजन गांव से बाहर जाने पर तैयार नहीं हुए थे। बाकी विरोध जैसी कोई बात नहीं है। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी के डी शर्मा ने बताया कि इसमें प्रशासन का सहयोग नहीं मिल पाया है। सोमवार को भरतपुर से आरआरटी मेडिकल टीम भरतपुर से इनके नमूने लेने आएगी। कामां एसडीएम से बात की तो उन्होंने इस प्रकरण में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
जुरहरा। गांव जुरहरी में कोरोना पॉजिटिव के मरीजों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखने को लेकर प्रशासन व परिजनों के बीच छिटपुट विवाद की बात सामने आई है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी इस बात से इंकार करते रहे। हुआ यूं कि उसके परिवार के पांच सदस्य है इनमें पत्नी व तीन बच्चे व मां है। इन्हें जांच के लिए कामां या भरतपुर ले जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन कुछ ग्रामीणों ने गांव से बाहर ले जाने को लेकर विरोध कर दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने काफी देर उन्हें समझाया, लेकिन वह कामां उपखंड मुख्यालय पर स्थापित क्वारेंटाइन सेंटर में भेजने पर भी राजी नहीं हुए। ऐसे में गांव के स्कूल को ही क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया। उन्हें उसी सेंटर पर रखा गया है। जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि परिजन गांव से बाहर जाने पर तैयार नहीं हुए थे। बाकी विरोध जैसी कोई बात नहीं है। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी के डी शर्मा ने बताया कि इसमें प्रशासन का सहयोग नहीं मिल पाया है। सोमवार को भरतपुर से आरआरटी मेडिकल टीम भरतपुर से इनके नमूने लेने आएगी। कामां एसडीएम से बात की तो उन्होंने इस प्रकरण में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
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