बयाना। सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है, जो 31 मार्च तक प्रभावी रहेगी।
इस दौरान कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया जा सकेगा। यही वजह है कि 100 साल में पहली बार झील का बाड़ा में कैलादेवी का मेला नहीं भरेगा, इसे रद्द कर दिया गया है वहीं वहीं आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन करने की छूट दी गई है।
देवस्थान विभाग के अनुसार इस मंदिर की स्थापना सन 1920 में हुई थी। इस बीच रूपवास में खानुआ मोड़ पर एसडीएम कमलसिंह यादव और तहसीलदार अलका श्रीवास्तव ने समझाइश करके आगरा से आए करीब 100 पदयात्रियों को वापस लौटा दिया। इसके साथ ही पदयात्रियों की सेवा के लिए लगे भंडारों को भी आयोजकों ने बंद करने का फैसला किया।
उपखण्ड अधिकारी संतोष मीणा ने बताया कि जिले में धारा 144 के तहत सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग पूरी तरह बंद करने के साथ ही भीड़भाड़ वाले धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है।
अगर कहीं भी कोचिंग चलते दिखे तो गुरुवार से उन्हें सीज किया जाएगा।
इस दौरान अस्पताल, बैंक, डाकघर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और सरकारी एवं निजी कार्यालय और संस्थान चालू रहेंगे यहां भी सेनेटाइजेशन की व्यवस्था की जाएगी।
कलेक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए विभिन्न मंदिरों में आरती के समय श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित किया जाएगा।
यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं यथावत चलती रहेंगी। इधर 27 मार्च को निकलने वाली गणगौर शोभायात्रा रद्द कर दी है।
अध्यक्ष हनुमान प्रसाद ने बताया कि केवल प्रतीकात्मक तौर पर दोपहर 3 बजे पूजा का सूक्ष्म कार्यक्रम होगा।
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