भरतपुर। जिले में विगत दिनों हुई ओलावर्ष्टि से किसान इतने आहात है की वह अब फसल खराबे के बाद मौत को गले लगा रहे है। आज जिले में तीसरे किसान ने आत्महत्या कर ली प्रकति की मार ने किसानों को सड़क पर ला कर खड़ा कर दिया है। किसान फसल को खड़ी करने में खून पसीना और जमा पूंजी खर्च कर देता है। इसके अलावा किसान को कर्ज तक लेना पड़ता है। और वह फसल उसके देखते ही देखते तबाह हो जाती है।
आज जिले के जिरौली गांव में एक और किसान ने आत्महत्या कर ली। मृतक किसान मुकेश के पास 1 बीघा जमीन थी और 05 बीघा उसने बटाई में खेती की थी मुकेश ने खेतों में सरसों और गेहूं की फसल बोई थी। ओलावर्ष्टि के बाद से ही मुकेश काफी आहत था इसके अलावा मुकेश पर करीब 02 लाख रूपये का कर्ज भी था और फसल खराबे के बाद कर्जदार भी उसे कर्जा वापस करने के लिए जोर डाल रहे थे तब वह आज घर से खेत पर जाने की कह कर घर से निकला और खेत पर जाकर फांसी लगा ली फांसी लगाने के कुछ देर बाद वहां से कुछ राहगीर निकले तो उन्होंने मुकेश को एक पेड़ से लटका देखा जब उन्होंने मुकेश के गांव में इस घटना के बारे में बताया फिलहाल मुकेश के शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। वही ग्रामीणो का कहना है की फसल खराबे के बाद वह काफी डिप्रेशन में था ग्रामीण उसे काफी दिनों से समझा भी रहे थे की वह ऐसा कोई कदम न उठाये लेकिन आज वह अपने घर से खेत में जाने की कह कर निकला और अपने खेत के पास एक जंगल में फांसी के फंदे से झूल गया।
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