भरतपुर। लोगों की आवाजाही रोकने के लिए पहले रोडवेज और लोक परिवहन बस सेवा बंद करने के बाद भी यातायात बंद नहीं होने पर सरकार ने निजी वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी। इससे आवाजाही तो थम गई लेकिन कई आवश्यक कार्य और इलाज के लिए बाहर जाने वाले लोगों की मुसीबत बढ़़ गई। इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने आपातकालीन और स्वास्थ्य हित से जुड़े मामलों में निजी वाहनों के उपयोग के लिए परिवहन विभाग व उपखण्ड स्तर पर एसडीएम एवं तहसीलदार को जांच कर पास जारी करने की निर्देश दिए हैं। इसके चलते बुधवार को यहां क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में निजी वाहनों की अनुमति लेने वालों की भीड़ दिखी। इसमें कुछ लोग झूठे बहाना कर पास के लिए भी पहुंंचे, जिस पर विभाग ने उनके आवेदन को निरस्त कर दिया।
यहां आरटीओ कार्यालय में सुबह बड़ी संख्या में लोगों ने निजी वाहनों की अनुमति के लिए आवेदन किया। जिस पर विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों ने इन आवेदनों पर बाहर जाने की वजह की जांच की। इसमें केवल आवश्यक और स्वास्थ्य संबंधी आवेदनों पर ही गौर करते हुए उनकी छंटनी कर पास जारी किए गए।
निजी वाहनों के बड़ी संख्या में आवेदन जयपुर, आगरा, दिल्ली जाने के मिले। विभाग ने छंटनी कर मंगलवार देर शाम तक 15 निजी बस, एम्बुलेंस व अन्य वाहनों के ही पास जारी किए। कई पास मौके पर जारी किए गए और कुछ की जांच-पड़ताल के बाद विभाग ने आईडी पर मेल किया है।
वाहन अनुमति के लिए कई आवेदन अजीबो-गरीब आए। इसमें एक व्यक्ति ने दूसरे प्रदेश में कार्य करने वाली पत्नी को दवा देने जाने के लिए आवेदन किया। इसी तरह कुछ लोगों ने झूठे बहाने से भी आवेदन किए, जिन्हें पड़ताल के बाद अधिकारियों ने खारिज कर दिया। वहीं, बेवजह के आवेदनों से विभागीय कर्मचारियों का समय भी बर्वाद हो रहा है।
भरतपुर में आरटीओ राजेश शर्मा का कहना है कि बेवजह और बिना उचित कारण के आवेदन नहीं करें। जरुरी नहीं हो तो बाहर के कार्यों को स्थिति सामान्य होने तक टालें। इमरजेंसी और स्वास्थ्य कारणों को देखकर ही पास जारी किए जा रहे हैं।
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